संधिआ वेले का हुक्मनामा – 9 जुलाई 2024

सोरठि महला ५ ॥ गुण गावहु पूरन अबिनासी काम क्रोध बिखु जारे ॥ महा बिखमु अगनि को सागरु साधू संगि उधारे ॥१॥ पूरै गुरि मेटिओ भरमु अंधेरा ॥ भजु प्रेम भगति प्रभु नेरा ॥ रहाउ ॥ हरि हरि नामु निधान रसु पीआ मन तन रहे अघाई ॥ जत कत पूरि रहिओ परमेसरु कत आवै कत जाई ॥२॥ जप तप संजम गिआन तत बेता जिसु मनि वसै गोपाला ॥ नामु रतनु जिनि गुरमुखि पाइआ ता की पूरन घाला ॥३॥ कलि कलेस मिटे दुख सगले काटी जम की फासा ॥ कहु नानक प्रभि किरपा धारी मन तन भए बिगासा ॥४॥१२॥२३॥

अर्थ: (हे भाई! पूरे गुरु की सरन आ कर) सरब व्यापक नाश रहित प्रभू के गुण गाया कर। (जो मनुष्य यह उदम करता है गुरु उस* *के अंदर से आतमिक मौत लाने वाले) काम क्रोध (आदि का) जहर जला देता है। (यह जगत विकारों की) आग का समुंदर (है, इस में से पार निकलना) बहुत कठिन है (सिफत-सलाह के गीत गाने वाले मनुष्य को गुरु) साध संगत में (रख के, इस सागर से) पार निकल देता है ॥१॥ (हे भाई! पूरे गुरु की सरन पड़। जो मनुष्य पूरे गुरु की सरन पड़ा) पूरे गुरु ने (उस का) भ्रम मिटा दिया, (उस का माया के मोह का) अन्धकार दूर कर दिया। (हे भाई! तूँ भी गुरु की सरन आ के) प्रेम-भरी भक्ति से प्रभू का भजन कर, (तुझे) प्रभू अंग-संग (दिखाई पड़ेगा) ॥ रहाउ ॥ हे भाई! परमात्मा का नाम (सारे रसों का खज़ाना है, जो मनुष्य गुरु की सरन आ के इस) खजाने का रस पीता है, उस का मन उस का तन (माया के रसों से) भर जाता है। उस को हर जगह परमात्मा व्यापक दिख जाता है। वह मनुष्य फिर न पैदा होता है न ही मरता है ॥२॥ हे भाई! (गुरू के द्वारा) जिस मनुष्य के मन में सिृष्टी का पालन-हार आ वसता है, वह मनुष्य असली जप तप संजम का भेद समझने वाला हो जाता है वह मनुष्य आतमिक जीवन की सूझ का ज्ञानवान हो जाता है। जिस मनुष्य ने गुरू की सरन पड़ कर नाम रतन ढूंढ लिया, उस की (आतमिक जीवन वाली) मेहनत कामयाब हो गई ॥३॥ उस मनुष्य की जमों वाली फांसी कट गई (उस के गलों माया के मोह की फांसी कट गई जो आतमिक मौत लिया के जमों का वस पाती है, उस के सारे दुःख क्लेश कष्ट दूर हो गए, नानक जी कहते हैं – जिस मनुष्य पर प्रभू ने मेहर की (उस को प्रभू ने गुरू मिला दिया, और) उस का मन उस का तन आतमिक आनंद से प्रसन्न हो गया ॥४॥१२॥२३॥


Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Begin typing your search term above and press enter to search. Press ESC to cancel.

Back To Top