अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 7 मई 2024

रामकली महला १ ॥ साहा गणहि न करहि बीचारु ॥ साहे ऊपरि एकंकारु ॥ जिसु गुरु मिलै सोई बिधि जाणै ॥ गुरमति होइ त हुकमु पछाणै ॥१॥ झूठु न बोलि पाडे सचु कहीऐ ॥ हउमै जाइ सबदि घरु लहीऐ ॥१॥ रहाउ॥ गणि गणि जोतकु कांडी कीनी ॥ पड़ै सुणावै ततु न चीनी ॥ सभसै ऊपरि […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 24 नवंबर 2023

धनासरी महला ४ ॥ कलिजुग का धरमु कहहु तुम भाई किव छूटह हम छुटकाकी ॥ हरि हरि जपु बेड़ी हरि तुलहा हरि जपिओ तरै तराकी ॥१॥ हरि जी लाज रखहु हरि जन की ॥ हरि हरि जपनु जपावहु अपना हम मागी भगति इकाकी ॥ रहाउ ॥ हरि के सेवक से हरि पिआरे जिन जपिओ हरि […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 11 जुलाई 2024

रागु सोरठि बाणी भगत रविदास जी की ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ जउ हम बांधे मोह फास हम प्रेम बधनि तुम बाधे ॥ अपने छूटन को जतनु करहु हम छूटे तुम आराधे ॥१॥ माधवे जानत हहु जैसी तैसी ॥ अब कहा करहुगे ऐसी ॥१॥ रहाउ ॥ मीनु पकरि फांकिओ अरु काटिओ रांधि कीओ बहु बानी ॥ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 6 मई 2024

धनासरी महला ५ ॥ त्रिपति भई सचु भोजनु खाइआ ॥ मनि तनि रसना नामु धिआइआ ॥१॥ जीवना हरि जीवना ॥ जीवनु हरि जपि साधसंगि ॥१॥ रहाउ ॥ अनिक प्रकारी बसत्र ओढाए ॥ अनदिनु कीरतनु हरि गुन गाए ॥२॥ हसती रथ असु असवारी ॥ हरि का मारगु रिदै निहारी ॥३॥ मन तन अंतरि चरन धिआइआ ॥ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 30 मार्च 2024

सलोकु मः ३ ॥ सेखा चउचकिआ चउवाइआ एहु मनु इकतु घरि आणि ॥ एहड़ तेहड़ छडि तू गुर का सबदु पछाणु ॥ सतिगुर अगै ढहि पउ सभु किछु जाणै जाणु ॥ आसा मनसा जलाइ तू होइ रहु मिहमाणु ॥ सतिगुर कै भाणै भी चलहि ता दरगह पावहि माणु ॥ नानक जि नामु न चेतनी तिन […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 16 मार्च 2024

सोरठि महला ५ घरु ३ चउपदे ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ मिलि पंचहु नही सहसा चुकाइआ ॥ सिकदारहु नह पतीआइआ ॥ उमरावहु आगै झेरा ॥ मिलि राजन राम निबेरा ॥१॥ अब ढूढन कतहु न जाई ॥ गोबिद भेटे गुर गोसाई ॥ रहाउ ॥ आइआ प्रभ दरबारा ॥ ता सगली मिटी पूकारा ॥ लबधि आपणी पाई ॥ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 10 मार्च 2024

जैतसरी महला ४ घरु १ चउपदे ੴसतिगुर प्रसादि ॥ मेरै हीअरै रतनु नामु हरि बसिआ गुरि हाथु धरिओ मेरै माथा ॥ जनम जनम के किलबिख दुख उतरे गुरि नामु दीओ रिनु लाथा ॥१॥ मेरे मन भजु राम नामु सभि अरथा ॥ गुरि पूरै हरि नामु दि्रड़ाइआ बिनु नावै जीवनु बिरथा ॥ रहाउ ॥ बिनु गुर […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 7 अगस्त 2024

सूही महला ४ घरु ६ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ नीच जाति हरि जपतिआ उतम पदवी पाइ ॥ पूछहु बिदर दासी सुतै किसनु उतरिआ घरि जिसु जाइ ॥१॥ हरि की अकथ कथा सुनहु जन भाई जितु सहसा दूख भूख सभ लहि जाइ ॥१॥ रहाउ ॥ रविदासु चमारु उसतति करे हरि कीरति निमख इक गाइ ॥ पतित […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 18 जून 2024

गोंड महला ५ ॥ नामु निरंजनु नीरि नराइण ॥ रसना सिमरत पाप बिलाइण ॥१॥ रहाउ॥ नाराइण सभ माहि निवास ॥ नाराइण घटि घटि परगास ॥ नाराइण कहते नरकि न जाहि ॥ नाराइण सेवि सगल फल पाहि ॥१॥ नाराइण मन माहि अधार ॥ नाराइण बोहिथ संसार ॥ नाराइण कहत जमु भागि पलाइण ॥ नाराइण दंत भाने […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 19 अप्रैल 2024

रागु सूही महला ५ छंत ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ मिठ बोलड़ा जी हरि सजणु सुआमी मोरा ॥ हउ समलि थकी जी ओहु कदे न बोलै कउरा ॥ कउड़ा बोलि न जानै पूरन भगवानै अउगणु को न चितारे ॥ पतित पावनु हरि बिरदु सदाए इकु तिलु नही भंनै घाले ॥ घट घट वासी सरब निवासी नेरै […]

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