संधिआ वेले का हुक्मनामा – 16 जुलाई 2024

सलोक मः ३ ॥ त्रिसना दाधी जलि मुई जलि जलि करे पुकार ॥ सतिगुर सीतल जे मिलै फिरि जलै न दूजी वार ॥ नानक विणु नावै निरभउ को नही जिचरु सबदि न करे वीचारु ॥१॥ मः ३ ॥ भेखी अगनि न बुझई चिंता है मन माहि ॥ वरमी मारी सापु ना मरै तिउ निगुरे करम […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 31 मई 2024

रागु सोरठि बाणी भगत नामदे जी की घरु २ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ सुख सागरु सुरतर चिंतामनि कामधेनु बसि जा के ॥ चारि पदारथ असट दसा सिधि नव निधि कर तल ता के ॥१॥ हरि हरि हरि न जपहि रसना ॥ अवर सभ तिआगि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥ नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 28 अप्रैल 2024

सोरठि महला ९ ॥ इह जगि मीतु न देखिओ कोई ॥ सगल जगतु अपनै सुखि लागिओ दुख मै संगि न होई ॥१॥ रहाउ ॥ दारा मीत पूत सनबंधी सगरे धन सिउ लागे ॥ जब ही निरधन देखिओ नर कउ संगु छाडि सभ भागे ॥१॥ कहंउ कहा यिआ मन बउरे कउ इन सिउ नेहु लगाइओ ॥ […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 13 अप्रैल 2024

सोरठि महला ४ ॥ आपे स्रिसटि उपाइदा पिआरा करि सूरजु चंदु चानाणु ॥ आपि निताणिआ ताणु है पिआरा आपि निमाणिआ माणु ॥ आपि दइआ करि रखदा पिआरा आपे सुघड़ु सुजाणु ॥१॥ मेरे मन जपि राम नामु नीसाणु ॥ सतसंगति मिलि धिआइ तू हरि हरि बहुड़ि न आवण जाणु ॥ रहाउ ॥ आपे ही गुण वरतदा […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 1 जनवरी 2024

जैतसरी महला ५ घरु २ छंत ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ सलोकु ॥ ऊचा अगम अपार प्रभु कथनु न जाइ अकथु ॥ नानक प्रभ सरणागती राखन कउ समरथु ॥१॥ छंतु ॥ जिउ जानहु तिउ राखु हरि प्रभ तेरिआ ॥ केते गनउ असंख अवगण मेरिआ ॥ असंख अवगण खते फेरे नितप्रति सद भूलीऐ ॥ मोह मगन बिकराल […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 6 फरवरी 2024

गूजरी महला ३ ॥ तिसु जन सांति सदा मति निहचल जिस का अभिमानु गवाए ॥ सो जनु निरमलु जि गुरमुखि बूझै हरि चरणी चितु लाए ॥१॥ हरि चेति अचेत मना जो इछहि सो फलु होई ॥ गुर परसादी हरि रसु पावहि पीवत रहहि सदा सुखु होई ॥१॥ रहाउ ॥ सतिगुरु भेटे ता पारसु होवै पारसु […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 6 जून 2024

धंना ॥ गोपाल तेरा आरता ॥ जो जन तुमरी भगति करंते तिन के काज सवारता ॥१॥ रहाउ ॥ दालि सीधा मागउ घीउ ॥ हमरा खुसी करै नित जीउ ॥ पन्हीआ छादनु नीका ॥ अनाजु मगउ सत सी का ॥१॥ गऊ भैस मगउ लावेरी ॥ इक ताजनि तुरी चंगेरी ॥ घर की गीहनि चंगी ॥ जनु […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 5 अप्रैल 2024

सलोकु मः ३ ॥ सतिगुर ते जो मुह फिरे से बधे दुख सहाहि ॥ फिरि फिरि मिलणु न पाइनी जमहि तै मरि जाहि ॥ सहसा रोगु न छोडई दुख ही महि दुख पाहि ॥ नानक नदरी बखसि लेहि सबदे मेलि मिलाहि ॥१॥ मः ३ ॥ जो सतिगुर ते मुह फिरे तिना ठउर न ठाउ ॥ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 7 फरवरी 2024

सोरठि महला ३ ॥ सो सिखु सखा बंधपु है भाई जि गुर के भाणे विचि आवै ॥ आपणै भाणै जो चलै भाई विछुड़ि चोटा खावै ॥ बिनु सतिगुर सुखु कदे न पावै भाई फिरि फिरि पछोतावै ॥१॥ हरि के दास सुहेले भाई ॥ जनम जनम के किलबिख दुख काटे आपे मेलि मिलाई ॥ रहाउ ॥ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 5 फरवरी 2024

बिलावलु महला ५ ॥ अपणे बालक आपि रखिअनु पारब्रहम गुरदेव ॥ सुख सांति सहज आनद भए पूरन भई सेव ॥१॥ रहाउ ॥ भगत जना की बेनती सुणी प्रभि आपि ॥ रोग मिटाइ जीवालिअनु जा का वड परतापु ॥१॥ दोख हमारे बखसिअनु अपणी कल धारी ॥ मन बांछत फल दितिअनु नानक बलिहारी ॥२॥१६॥८०॥ अर्थ :- हे […]

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