संधिआ वेले का हुक्मनामा – 06 फरवरी 2023

धनासरी महला १ ॥ जीउ तपतु है बारो बार ॥ तपि तपि खपै बहुतु बेकार ॥ जै तनि बाणी विसरि जाइ ॥ जिउ पका रोगी विललाइ ॥१॥ बहुता बोलणु झखणु होइ ॥ विणु बोले जाणै सभु सोइ ॥१॥ रहाउ ॥ जिनि कन कीते अखी नाकु ॥ जिनि जिहवा दिती बोले तातु ॥ जिनि मनु राखिआ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 21 जुलाई 2024

सूही महला १ घरु ६ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ उजलु कैहा चिलकणा घोटिम कालड़ी मसु ॥ धोतिआ जूठि न उतरै जे सउ धोवा तिसु ॥१॥ सजण सेई नालि मै चलदिआ नालि चलंन्हि ॥ जिथै लेखा मंगीऐ तिथै खड़े दिसंनि ॥१॥ रहाउ ॥ कोठे मंडप माड़ीआ पासहु चितवीआहा ॥ ढठीआ कमि न आवन्ही विचहु सखणीआहा ॥२॥ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 21 जून 2023

टोडी महला ५ घरु २ दुपदे ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ मागउ दानु ठाकुर नाम ॥ अवरु कछू मेरै संगि न चालै मिलै क्रिपा गुण गाम ॥१॥ रहाउ ॥ राजु मालु अनेक भोग रस सगल तरवर की छाम ॥ धाइ धाइ बहु बिधि कउ धावै सगल निरारथ काम ॥१॥ बिनु गोविंद अवरु जे चाहउ दीसै सगल […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 18 अप्रैल 2024

सूही महला ५ ॥ गुर कै बचनि रिदै धिआनु धारी ॥ रसना जापु जपउ बनवारी ॥१॥ सफल मूरति दरसन बलिहारी ॥ चरण कमल मन प्राण अधारी ॥१॥ रहाउ ॥ साधसंगि जनम मरण निवारी ॥ अंम्रित कथा सुणि करन अधारी ॥२॥ काम क्रोध लोभ मोह तजारी ॥ द्रिड़ु नाम दानु इसनानु सुचारी ॥३॥ कहु नानक इहु […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 9 मार्च 2024

धनासरी महला ५ ॥ वडे वडे राजन अरु भूमन ता की त्रिसन न बूझी ॥ लपटि रहे माइआ रंग माते लोचन कछू न सूझी ॥१॥ बिखिआ महि किन ही त्रिपति न पाई ॥ जिउ पावकु ईधनि नही ध्रापै बिनु हरि कहा अघाई ॥ रहाउ ॥ दिनु दिनु करत भोजन बहु बिंजन ता की मिटै न […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 14 अक्टूबर 2023

सलोक ॥ संत उधरण दइआलं आसरं गोपाल कीरतनह ॥ निरमलं संत संगेण ओट नानक परमेसुरह ॥१॥ चंदन चंदु न सरद रुति मूलि न मिटई घांम ॥ सीतलु थीवै नानका जपंदड़ो हरि नामु ॥२॥ पउड़ी ॥ चरन कमल की ओट उधरे सगल जन ॥ सुणि परतापु गोविंद निरभउ भए मन ॥ तोटि न आवै मूलि संचिआ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 2 जनवरी 2024

सोरठि महला १ घरु १ असटपदीआ चउतुकी ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ दुबिधा न पड़उ हरि बिनु होरु न पूजउ मड़ै मसाणि न जाई ॥ त्रिसना राचि न पर घरि जावा त्रिसना नामि बुझाई ॥ घर भीतरि घरु गुरू दिखाइआ सहजि रते मन भाई ॥ तू आपे दाना आपे बीना तू देवहि मति साई ॥१॥ मनु […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 6 मई 2024

धनासरी महला ५ ॥ जिस कउ बिसरै प्रानपति दाता सोई गनहु अभागा ॥ चरन कमल जा का मनु रागिओ अमिअ सरोवर पागा ॥१॥ तेरा जनु राम नाम रंगि जागा ॥ आलसु छीजि गइआ सभु तन ते प्रीतम सिउ मनु लागा ॥ रहाउ ॥ जह जह पेखउ तह नाराइण सगल घटा महि तागा ॥ नाम उदकु […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 6 जनवरी 2023

रागु सोरठि बाणी भगत कबीर जी की घरु १ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ संतहु मन पवनै सुखु बनिआ ॥ किछु जोगु परापति गनिआ ॥ रहाउ ॥ गुरि दिखलाई मोरी ॥ जितु मिरग पड़त है चोरी ॥ मूंदि लीए दरवाजे ॥ बाजीअले अनहद बाजे ॥१॥ कु्मभ कमलु जलि भरिआ ॥ जलु मेटिआ ऊभा करिआ ॥ कहु […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 15 दसंबर 2022

सलोकु मः ३ ॥ पूरबि लिखिआ कमावणा जि करतै आपि लिखिआसु ॥ मोह ठगउली पाईअनु विसरिआ गुणतासु ॥ मतु जाणहु जगु जीवदा दूजै भाइ मुइआसु ॥ जिनी गुरमुखि नामु न चेतिओ से बहणि न मिलनी पासि ॥ दुखु लागा बहु अति घणा पुतु कलतु न साथि कोई जासि ॥ लोका विचि मुहु काला होआ अंदरि […]

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