अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 24 दसंबर 2024

गूजरी महला ५ चउपदे घरु २ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ किरिआचार करहि खटु करमा इतु राते संसारी ॥ अंतरि मैलु न उतरै हउमै बिनु गुर बाजी हारी ॥१॥ मेरे ठाकुर रखि लेवहु किरपा धारी ॥ कोटि मधे को विरला सेवकु होरि सगले बिउहारी ॥१॥ रहाउ ॥ सासत बेद सिम्रिति सभि सोधे सभ एका बात पुकारी […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 25 दसंबर 2024

सोरठि महला ३ ॥ बिनु सतिगुर सेवे बहुता दुखु लागा जुग चारे भरमाई ॥ हम दीन तुम जुगु जुगु दाते सबदे देहि बुझाई ॥१॥ हरि जीउ क्रिपा करहु तुम पिआरे ॥ सतिगुरु दाता मेलि मिलावहु हरि नामु देवहु आधारे ॥ रहाउ ॥ मनसा मारि दुबिधा सहजि समाणी पाइआ नामु अपारा ॥ हरि रसु चाखि मनु […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 26 दसंबर 2024

सोरठि महला ५ ॥ राजन महि राजा उरझाइओ मानन महि अभिमानी ॥ लोभन महि लोभी लोभाइओ तिउ हरि रंगि रचे गिआनी ॥१॥ हरि जन कउ इही सुहावै ॥ पेखि निकटि करि सेवा सतिगुर हरि कीरतनि ही त्रिपतावै ॥ रहाउ ॥ अमलन सिउ अमली लपटाइओ भूमन भूमि पिआरी ॥ खीर संगि बारिकु है लीना प्रभ संत […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 27 दसंबर 2024

सलोकु मः ३ ॥ सतिगुर ते जो मुह फिरे से बधे दुख सहाहि ॥ फिरि फिरि मिलणु न पाइनी जमहि तै मरि जाहि ॥ सहसा रोगु न छोडई दुख ही महि दुख पाहि ॥ नानक नदरी बखसि लेहि सबदे मेलि मिलाहि ॥१॥ मः ३ ॥ जो सतिगुर ते मुह फिरे तिना ठउर न ठाउ ॥ […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 27 दसंबर 2024

सलोकु मः ३ ॥ सतिगुर ते जो मुह फिरे से बधे दुख सहाहि ॥ फिरि फिरि मिलणु न पाइनी जमहि तै मरि जाहि ॥ सहसा रोगु न छोडई दुख ही महि दुख पाहि ॥ नानक नदरी बखसि लेहि सबदे मेलि मिलाहि ॥१॥ मः ३ ॥ जो सतिगुर ते मुह फिरे तिना ठउर न ठाउ ॥ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 28 दसंबर 2024

सोरठि महला ५ ॥ गुण गावहु पूरन अबिनासी काम क्रोध बिखु जारे ॥ महा बिखमु अगनि को सागरु साधू संगि उधारे ॥१॥ पूरै गुरि मेटिओ भरमु अंधेरा ॥ भजु प्रेम भगति प्रभु नेरा ॥ रहाउ ॥ हरि हरि नामु निधान रसु पीआ मन तन रहे अघाई ॥ जत कत पूरि रहिओ परमेसरु कत आवै कत […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 28 दसंबर 2024

सोरठि महला ५ ॥ गुण गावहु पूरन अबिनासी काम क्रोध बिखु जारे ॥ महा बिखमु अगनि को सागरु साधू संगि उधारे ॥१॥ पूरै गुरि मेटिओ भरमु अंधेरा ॥ भजु प्रेम भगति प्रभु नेरा ॥ रहाउ ॥ हरि हरि नामु निधान रसु पीआ मन तन रहे अघाई ॥ जत कत पूरि रहिओ परमेसरु कत आवै कत […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 29 दसंबर 2024

वडहंसु महला १ ॥ जिनि जगु सिरजि समाइआ सो साहिबु कुदरति जाणोवा ॥ सचड़ा दूरि न भालीऐ घटि घटि सबदु पछाणोवा ॥ सचु सबदु पछाणहु दूरि न जाणहु जिनि एह रचना राची ॥ नामु धिआए ता सुखु पाए बिनु नावै पिड़ काची ॥ जिनि थापी बिधि जाणै सोई किआ को कहै वखाणो ॥ जिनि जगु […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 2 जनवरी 2025

सलोक मः २ ॥ नानक अंधा होइ कै रतना परखण जाइ ॥ रतना सार न जाणई आवै आपु लखाइ ॥१॥ मः २ ॥ रतना केरी गुथली रतनी खोली आइ ॥ वखर तै वणजारिआ दुहा रही समाइ ॥ जिन गुणु पलै नानका माणक वणजहि सेइ ॥ रतना सार न जाणनी अंधे वतहि लोइ ॥२॥ पउड़ी ॥ […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 2 जनवरी 2025

सलोकु मः ३ ॥ पूरबि लिखिआ कमावणा जि करतै आपि लिखिआसु ॥ मोह ठगउली पाईअनु विसरिआ गुणतासु ॥ मतु जाणहु जगु जीवदा दूजै भाइ मुइआसु ॥ जिनी गुरमुखि नामु न चेतिओ से बहणि न मिलनी पासि ॥ दुखु लागा बहु अति घणा पुतु कलतु न साथि कोई जासि ॥ लोका विचि मुहु काला होआ अंदरि […]

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