अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 15 अक्टूबर 2024

गूजरी महला ५ ॥* *तूं समरथु सरनि को दाता दुख भंजनु सुख राइ ॥ जाहि कलेस मिटे भै भरमा निरमल गुण प्रभ गाइ ॥१॥ गोविंद तुझ बिनु अवरु न ठाउ ॥ करि किरपा पारब्रहम सुआमी जपी तुमारा नाउ ॥ रहाउ ॥ सतिगुर सेवि लगे हरि चरनी वडै भागि लिव लागी ॥ कवल प्रगास भए साधसंगे […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 15 अक्टूबर 2024

सोरठि महला ४ ॥ आपे कंडा आपि तराजी प्रभि आपे तोलि तोलाइआ ॥ आपे साहु आपे वणजारा आपे वणजु कराइआ ॥ आपे धरती साजीअनु पिआरै पिछै टंकु चड़ाइआ ॥१॥ मेरे मन हरि हरि धिआइ सुखु पाइआ ॥ हरि हरि नामु निधानु है पिआरा गुरि पूरै मीठा लाइआ ॥ रहाउ ॥ आपे धरती आपि जलु पिआरा […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 16 अक्टूबर 2024

रागु वडहंसु महला १ घरु ५ अलाहणीआ ॥ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ धंनु सिरंदा सचा पातिसाहु जिनि जगु धंधै लाइआ ॥ मुहलति पुनी पाई भरी जानीअड़ा घति चलाइआ ॥ जानी घति चलाइआ लिखिआ आइआ रुंने वीर सबाए ॥ कांइआ हंस थीआ वेछोड़ा जां दिन पुंने मेरी माए ॥ जेहा लिखिआ तेहा पाइआ जेहा पुरबि कमाइआ […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 16 अक्टूबर 2024

सोरठि महला ९ ॥ प्रीतम जानि लेहु मन माही ॥ अपने सुख सिउ ही जगु फांधिओ को काहू को नाही ॥१॥ रहाउ ॥ सुख मै आनि बहुतु मिलि बैठत रहत चहू दिसि घेरै ॥ बिपति परी सभ ही संगु छाडित कोऊ न आवत नेरै ॥१॥ घर की नारि बहुतु हितु जा सिउ सदा रहत संग […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 17 अक्टूबर 2024

धनासरी महला ५ ॥ तुम दाते ठाकुर प्रतिपालक नाइक खसम हमारे ॥ निमख निमख तुम ही प्रतिपालहु हम बारिक तुमरे धारे ॥१॥ जिहवा एक कवन गुन कहीऐ ॥ बेसुमार बेअंत सुआमी तेरो अंतु न किन ही लहीऐ ॥१॥ रहाउ ॥ कोटि पराध हमारे खंडहु अनिक बिधी समझावहु ॥ हम अगिआन अलप मति थोरी तुम आपन […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 17 अक्टूबर 2024

सोरठि महला ५ ॥ सूख मंगल कलिआण सहज धुनि प्रभ के चरण निहारिआ ॥ राखनहारै राखिओ बारिकु सतिगुरि तापु उतारिआ ॥१॥ उबरे सतिगुर की सरणाई ॥ जा की सेव न बिरथी जाई ॥ रहाउ ॥ घर महि सूख बाहरि फुनि सूखा प्रभ अपुने भए दइआला ॥ नानक बिघनु न लागै कोऊ मेरा प्रभु होआ किरपाला […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 18 अक्टूबर 2024

*सोरठि महला ५ ॥* *राजन महि राजा उरझाइओ मानन महि अभिमानी ॥ लोभन महि लोभी लोभाइओ तिउ हरि रंगि रचे गिआनी ॥१॥ हरि जन कउ इही सुहावै ॥ पेखि निकटि करि सेवा सतिगुर हरि कीरतनि ही त्रिपतावै ॥ रहाउ ॥ अमलन सिउ अमली लपटाइओ भूमन भूमि पिआरी ॥ खीर संगि बारिकु है लीना प्रभ संत […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 18 अक्टूबर 2024

सोरठि महला ५ ॥ राजन महि राजा उरझाइओ मानन महि अभिमानी ॥ लोभन महि लोभी लोभाइओ तिउ हरि रंगि रचे गिआनी ॥१॥ हरि जन कउ इही सुहावै ॥ पेखि निकटि करि सेवा सतिगुर हरि कीरतनि ही त्रिपतावै ॥ रहाउ ॥ अमलन सिउ अमली लपटाइओ भूमन भूमि पिआरी ॥ खीर संगि बारिकु है लीना प्रभ संत […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 19 अक्टूबर 2024

धनासरी महला ५ ॥ जिनि कीने वसि अपुनै त्रै गुण भवण चतुर संसारा ॥ जग इसनान ताप थान खंडे किआ इहु जंतु विचारा ॥१॥ प्रभ की ओट गही तउ छूटो ॥ साध प्रसादि हरि हरि हरि गाए बिखै बिआधि तब हूटो ॥१॥ रहाउ ॥ नह सुणीऐ नह मुख ते बकीऐ नह मोहै उह डीठी ॥ […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 19 अक्टूबर 2024

धनासरी महला ५ ॥ जिनि कीने वसि अपुनै त्रै गुण भवण चतुर संसारा ॥ जग इसनान ताप थान खंडे किआ इहु जंतु विचारा ॥१॥ प्रभ की ओट गही तउ छूटो ॥ साध प्रसादि हरि हरि हरि गाए बिखै बिआधि तब हूटो ॥१॥ रहाउ ॥ नह सुणीऐ नह मुख ते बकीऐ नह मोहै उह डीठी ॥ […]

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