संधिआ वेले का हुक्मनामा – 7 सतंबर 2024

रागु सोरठि बाणी भगत कबीर जी की घरु १ जब जरीऐ तब होइ भसम तनु रहै किरम दल खाई ॥ काची गागरि नीरु परतु है इआ तन की इहै बडाई ॥१॥ काहे भईआ फिरतौ फूलिआ फूलिआ ॥ जब दस मास उरध मुख रहता सो दिनु कैसे भूलिआ ॥१॥ रहाउ ॥ जिउ मधु माखी तिउ सठोरि […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 7 सतंबर 2024

सोरठि महला ५ घरु १ असटपदीआ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ सभु जगु जिनहि उपाइआ भाई करण कारण समरथु ॥ जीउ पिंडु जिनि साजिआ भाई दे करि अपणी वथु ॥ किनि कहीऐ किउ देखीऐ भाई करता एकु अकथु ॥ गुरु गोविंदु सलाहीऐ भाई जिस ते जापै तथु ॥१॥ मेरे मन जपीऐ हरि भगवंता ॥ नाम दानु […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 6 सतंबर 2024

सोरठि महला ५ ॥ गई बहोड़ु बंदी छोड़ु निरंकारु दुखदारी ॥ करमु न जाणा धरमु न जाणा लोभी माइआधारी ॥ नामु परिओ भगतु गोविंद का इह राखहु पैज तुमारी ॥१॥ हरि जीउ निमाणिआ तू माणु ॥ निचीजिआ चीज करे मेरा गोविंदु तेरी कुदरति कउ कुरबाणु ॥ रहाउ ॥ जैसा बालकु भाइ सुभाई लख अपराध कमावै […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 5 सतंबर 2024

धनासरी महला ५ ॥ वडे वडे राजन अरु भूमन ता की त्रिसन न बूझी ॥ लपटि रहे माइआ रंग माते लोचन कछू न सूझी ॥१॥ बिखिआ महि किन ही त्रिपति न पाई ॥ जिउ पावकु ईधनि नही ध्रापै बिनु हरि कहा अघाई ॥ रहाउ ॥ दिनु दिनु करत भोजन बहु बिंजन ता की मिटै न […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 5 सतंबर 2024

जैतसरी महला ४ घरु २ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ हरि हरि सिमरहु अगम अपारा ॥ जिसु सिमरत दुखु मिटै हमारा ॥ हरि हरि सतिगुरु पुरखु मिलावहु गुरि मिलिऐ सुखु होई राम ॥१॥ हरि गुण गावहु मीत हमारे ॥ हरि हरि नामु रखहु उर धारे ॥ हरि हरि अंम्रित बचन सुणावहु गुर मिलिऐ परगटु होई राम […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 4 सतंबर 2024

धनासरी महला ५ ॥ जिस का तनु मनु धनु सभु तिस का सोई सुघड़ु सुजानी ॥ तिन ही सुणिआ दुखु सुखु मेरा तउ बिधि नीकी खटानी ॥१॥ जीअ की एकै ही पहि मानी ॥ अवरि जतन करि रहे बहुतेरे तिन तिलु नही कीमति जानी ॥ रहाउ ॥ अम्रित नामु निरमोलकु हीरा गुरि दीनो मंतानी ॥ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 3 सतंबर 2024

डहंसु महला ४ घरु २ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ मै मनि वडी आस हरे किउ करि हरि दरसनु पावा ॥ हउ जाइ पुछा अपने सतगुरै गुर पुछि मनु मुगधु समझावा ॥ भूला मनु समझै गुर सबदी हरि हरि सदा धिआए ॥ नानक जिसु नदरि करे मेरा पिआरा सो हरि चरणी चितु लाए ॥१॥ राग वडहंस, […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 2 सतंबर 2024

गूजरी महला ५ ॥ आपना गुरु सेवि सद ही रमहु गुण गोबिंद ॥ सासि सासि अराधि हरि हरि लहि जाइ मन की चिंद ॥१॥ मेरे मन जापि प्रभ का नाउ ॥ सूख सहज अनंद पावहि मिली निरमल थाउ ॥१॥ रहाउ ॥ साधसंगि उधारि इहु मनु आठ पहर आराधि ॥ कामु क्रोधु अहंकारु बिनसै मिटै सगल […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 31 अगस्त 2024

सलोक ॥ मन इछा दान करणं सरबत्र आसा पूरनह ॥ खंडणं कलि कलेसह प्रभ सिमरि नानक नह दूरणह ॥१॥ हभि रंग माणहि जिसु संगि तै सिउ लाईऐ नेहु ॥ सो सहु बिंद न विसरउ नानक जिनि सुंदरु रचिआ देहु ॥२॥ पउड़ी ॥ जीउ प्रान तनु धनु दीआ दीने रस भोग ॥ ग्रिह मंदर रथ असु […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 30 अगस्त 2024

धनासरी महला ५ ॥ पानी पखा पीसउ संत आगै गुण गोविंद जसु गाई ॥ सासि सासि मनु नामु सम्हारै इहु बिस्राम निधि पाई ॥१॥ तुम्ह करहु दइआ मेरे साई ॥ ऐसी मति दीजै मेरे ठाकुर सदा सदा तुधु धिआई ॥१॥ रहाउ ॥ तुम्हरी क्रिपा ते मोहु मानु छूटै बिनसि जाइ भरमाई ॥ अनद रूपु रविओ […]

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