संधिआ वेले का हुक्मनामा – 23 जून 2024
रागु सोरठि बाणी भगत भीखन की
ੴ सतिगुर प्रसादि ॥
ऐसा नामु रतनु निरमोलकु पुंनि पदारथु पाइआ ॥ अनिक जतन करि हिरदै राखिआ रतनु न छपै छपाइआ ॥१॥ हरि गुन कहते कहनु न जाई ॥ जैसे गूंगे की मिठिआई ॥१॥ रहाउ ॥ रसना रमत सुनत सुखु स्रवना चित चेते सुखु होई ॥ कहु भीखन दुइ नैन संतोखे जह देखां तह सोई ॥२॥२॥